By POORNIMA
हर वर्ष 26 जून को ‘अंतरराष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस’ मनाया जाता है। नशीली वस्तुओं और पदार्थों के निवारण के लिए ‘संयुक्त राष्ट्र महासभा’ ने 7 दिसंबर 1987 को यह प्रस्ताव पारित किया था और तभी से हर साल लोगों को नशीले पदार्थों के सेवन से होने वाले दुष्परिणामों के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से इसे मनाया जाता है।
इसी तारतम्य में भिलाई में सुपेला में स्थापित कल्याणी नशा मुक्ति केंद्र द्वारा 26 जून को अंतरराष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस मनाया गया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि दुर्ग क्राइम ब्रांच DSP नसर सिद्दीकी,विशिष्ट अतिथि DEO स्वास्थ्य विभाग अनिल शुक्ला,विशिष्ट अतिथि DSP रायपुर आशीष शुक्ला ने मंच की शोभा बढ़ाई।
कल्याणी नशा मुक्ति केंद्र के संचालक अजय जी के अतिथियों के स्वागत उपरांत मुख्य अतिथि नसर सिद्दीकी ने कहा कि नशा, एक ऐसी बीमारी है जो कि युवा पीढ़ी को लगातार अपनी चपेट में लेकर उसे कई तरह से बीमार कर रही है। शराब, सिगरेट, तम्बाकू एवं ड्रग्स जैसे जहरीले पदार्थों का सेवन कर युवा वर्ग का एक बड़ा हिस्सा नशे का शिकार हो रहा है। आज फुटपाथ और रेल्वे प्लेटफार्म पर रहने वाले बच्चे भी नशे की चपेट में आ चुके हैं।
उन्होंने अपने उदबोधन में कहा कि मेरे अम्बिकापुर के कार्यकाल में मैंने वहां सर्वाधिक ब्राउन शुगर से पीड़ित लोगों को देखा वहीँ बिलासपुर में इंजेक्शन के नशे के दुरुपयोग से 80% लोग अपनी ज़िंदगी के साथ खेल रहे हैं।
DSP आशीष शुक्ला ने बताया कि लोग सोचते हैं कि वो बच्चें कैसे नशा कर सकते है जिनके पास खाने को भी पैसा नहीं होता। परंतु नशा करने के लिए सिर्फ मादक पदार्थो की ही जरुरत नहीं होती, बल्कि व्हाइटनर, नेल पॉलिश, पेट्रोल आदि की गंध, ब्रेड के साथ विक्स और झंडु बाम का सेवन करना, कुछ इस प्रकार के नशे भी किए जाते हैं, जो बेहद खतरनाक होते हैं।
DEO स्वास्थ्य विभाग से अनिल शुक्ला ने कहा नशे की लत ने इंसान को उस स्तर पर लाकर खड़ा कर दिया है कि अब व्यक्ति मादक पदार्थों के सेवन के लिए किसी भी हद तक जा सकता है, वह नशे के लिए जुर्म भी कर सकता है। नशे के मामले में महिलाएं भी पीछे नहीं है। महिलाओं द्वारा भी मादक पदार्थों का बहुत अधिक मात्रा में सेवन किया जाता है। व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन में तनाव, प्रेम संबंध, दांपत्य जीवन व तलाक आदि कारण, महिलाओं में नशे की बढ़ती लत के लिए जिम्मेदार है।
सभी ने इस बात को माना कि कल्याणी नशा मुक्ति केंद्र समाज से बहके लोगों को नशा मुक्त कर मुख्य धारा से जोड़ने का उत्कृष्ट कार्य कर रहा है।