(रायगढ से श्याम भोजवानी)

भिलाई / रायगढ़ (न्यूज़ टी 20)। राज्य सरकार की नाकाम प्रशासनिक तंत्र का आलम इस कदर हावी है कि खुलेआम भ्रष्टाचार कर ठेकेदार लाखों रूपए आहरण कर बेखोफ नजर आ रहे हैं।
जबकि जनता के बार बार शिकायत के बावजूद भी ठेकादार के उपर कार्यवाही नहीं होने से शासन प्रशासन के ऊपर मिली भगत का आरोप लग रहे हैं, जब से सत्ता परिवर्तन हुआ है भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने में प्रशासन नपुंसक सा नजर आता है, बता दें घरघोड़ा में निर्मित मध्यक्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण द्वारा लगभग दो करोड़ रूपए लागत से बनने वाली मुनगा प्रोसेसिंग युनिट का भवन बनने से पहले ही धराशाई होकर गिर गया, इससे पता चलता है यह निर्माण कार्य खटिया स्तर पर निम्न समाग्री से निर्मित हो रही थी ।

घरघोड़ा में बनने जा रहे आदिवासी विकास प्राधिकरण के तहत रायगढ़ जिले का एक मात्र उन्नत कृषि योजना के तहत निर्माणाधीन एक मात्र मुनगा प्रोसेसिंग यूनिट घरघोड़ा में लगाया जा रहा है, शासन द्वारा आदिवासी अंचल में किसानों को कृषि क्षेत्र में लिए बेहतर आय के लिए उन्नत कृषि तकनीक के साथ जोड़ने का काम कर रही है। जिसके तहत रायगढ़ जिले के पांच आदिवासी विकास खण्ड घरघोड़ा, खरसिया लैलूंगा तमनार, धरमजगढ़ के किसानों को रोजगार एवं स्वास्थ्य लाभ पहुंचाने की योजना के तहत आदिवासी विकास प्राधिकरण विभाग से एक करोड़ नब्बे लाख रूपए की राशि स्वीकृति प्रदान कर हरिहर छत्तीसगढ़ को बढ़ावा देते हुए हजारों मुनगा का पेड़ इस अंचल में योजना का लाभ मिले इस कारण रोपित किया गया है, जिसके तहत जिले के पांचों विकास खंड के लोगों को रोजगार से जोड़ना तथा कुपोषित जननी बच्चों को सुपोषित खाद्यान्न उपलब्ध करा कर शत् प्रतिशत कुपोषण मुक्त जिला बनाने की मंशा से यह वृहद मुनगा प्रोसेसिंग यूनिट का निर्माण किया जा रहा है। इस वृहद परियोजना पर भ्रष्ट तंत्र के ठेकेदार की काले झांव में यह वृहद किसान हितैषी योजना का शुभारंभ से पहले ग्रहण लग गया।
इस योजना के मद्देनजर जिले में हरिहर छत्तीसगढ़ तहत 2020-21 मानसून में लाखों मुनगा‌ के पौधे रोपे गए हैं। इस यूनिट के बनने के बाद कृषक सीधे मुनगा की हरी पत्तीयों को न्युनतम दस रूपए किलो की दर से बेच सकता है, कच्चे मुनगा के पत्तीयो को यूनिट में सुखाकर विभिन्न तरह के खाद्यान्न समाग्री बनाया जायेगा, आपको पता होगा किसी भी प्रकृति तौर से मुनगे के पत्तों में पांच गुना अधिक विटामिन पाया जाता है, जिसके आयुर्वेद में मुनगा और इसके पत्तों का महत्वपूर्ण स्थान माना जाता है, मुनेगे का सेवन से गर्भवती महिलाओं को होने वाले विटामिन की कमी को पूर्ति करने में सहायक सिद्ध होता है, इस कारण मां और बच्चों को संपूर्ण विटामिन प्रदाय होता है, परन्तु इतने महत्वपूर्ण महति योजना पर ठेकेदार की बुरी नजर पड़ती दिखाई देता है, घरघोड़ा के संजय निकुंज उद्यान में मुनगा प्रोसेसिंग यूनिट लगाया जा रहा है जिसके लिए शासन ने आदिवासी विकास प्राधिकरण विभाग से राशि मंजूर कर हॉल नुमा वृहद भवन का निर्माण होना था जो लगभग ग्यारह दशमलव साठ हजार स्क्वायर फीट में बनना है, जिसकी लागत एक करोड़ नब्बे लाख रुपए राशि आबंटित किया गया है, जिसमें से ठेकेदार द्वारा एक दिन पुर्व ही आधी राशि आहरण किया जाना बताया जा रहा है, जबकि इंजिनियर द्वारा घटिया स्तर के निर्माण पर आपत्ति करते हुए कार्य पर रोक लगाने की आवश्यकता थी व राशि रोकने का कार्रवाई करना था, इस गोलमाल निर्माण में सबकी भूमिका संदेहास्पद है, इस और प्रशासन को कड़ी कार्रवाई कर जांच करने का आदेश दिया जाना था जो अभी तक कोई कार्रवाई होते दिखाई नहीं पड़ता, घटिया सामग्री मानक स्तर से कम छड़ सीमेंट का उपयोग मुरूम की जगह फ्लाइएस डस्ट मिट्टी के उपयोग से कम चौड़ी दीवाल के निर्माण का नतीजा यह रहा की पत्तों की तरह हिलती दीवाल एक ही झटके से जमींदोज हो गई, इस दौरान अगर कार्य प्रगति पर होता तो निश्चित बड़ी अनहोनी होने का अंदेशा था, इतने बड़े निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार होते हुए अधिकारी कैसे चुपचाप रहे यह भी जांच का विषय है, ठेकेदार द्वारा बार बार उच्च पहुंच का हवाला दिया जाता रहा है यह बात सच नजर आती है, इस कारण अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है, खैर अब दुध का दुध पानी का पानी जग जाहिर होने के बाद क्या कार्रवाई करती है प्रशासन यह देखने वाली बात है क्योंकि खराब स्तर के निर्माण पर हमारे द्वारा पुर्व में भी खबर प्रकाशित किया गया था, स्थानीय जनप्रतिनिधियों व नेताओं द्वारा शासन प्रशासन से इसके संबंध में शिकायत भी किया गया था, अब जब अंदेशा सच साबित हो गया है तो इससे जुड़े सभी तथ्यों की बारिकियों से जांच कर हर कड़ी को जोड़ने की आवश्यकता है, व सभी दोशियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने में प्रशासन को कड़े कदम उठाए जाना चाहिए है।

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