भिलाई [न्यूज़ टी 20] सहारनपुर में एक व्यक्ति के किए की सजा दूसरे को मिली है। पुलिस ने बिना जांच किए या फिर सेटिंग से आरोपी की जगह बेगुनाह को जेल भेज दिया। पीड़ित पुलिस से अपने बेगुनाह होने के सबूत देता रहा और गुहार लगाता रहा, लेकिन पुलिस ने एक न सुनी।
इस कारण युवक को एक दिन जेल में रहना पड़ा। यह दर्द थाना देहात कोतवाली की कृष्णा इंक्लेव में रहने वाले चौधरी इकराम का है। खास बात है कि दोनों के पिता का नाम भी मेहंदी है। हालांकि, इस पूरे प्रकरण में चौधरी इकराम ने अपने बड़े भाई पर आरोप लगाए हैं।
एक ही नाम के दो शख्स
दरअसल, दोनों व्यक्ति का नाम इकराम है। इसमें से चौधरी विहार में रहने वाले इकराम ने 2015 में गाड़ियों पर 1.50 लाख रुपए का लोन श्रीराम फाइनेंस से लिया था। लोन न चुकाने पर कंपनी ने केस दर्ज कराया। मामले में पुलिस सात अगस्त को कृष्णा एनक्लेव में रहने वाले चौधरी इकराम को उठाकर थाने ले आई। जहां से NBW में चालान काटकर जेल भेज दिया।
कोर्ट ने दिए मामले की जांच के आदेश
सोमवार को मामला स्पेशल जज के पास पहुंचा। चौधरी इकराम ने अपनी बेगुनाही के सभी सबूत पेश किए। जिसके बाद जज दंग रह गए और चौधरी इकराम को तुरंत जमानत दी।
मामले की जांच कराने के आदेश दिए। चौधरी इकराम ने कोर्ट में बताया, “उसका नाम चौधरी इकराम है और पिता का नाम हाजी मेहंदी हसन है। आरोपी का नाम सिर्फ इकराम है, लेकिन उसके पिता का नाम भी मेहंदी है।
2009 से दोहा में रह रहा है चौधरी इकराम
चौधरी इकराम का दोहा कतर में बिजनेस है। वह जनवरी 2009 से वहां रहकर बिजनेस कर रहे हैं। हालांकि, बीच-बीच में वह अपने बच्चों को पास सहारनपुर में आते-जाते रहते हैं। कोरोना काल 2020 से वह सहारनपुर में ही रह रहे हैं। चौधरी इकराम का कहना है कि उसने आज तक जिंदगी में कभी लोन नहीं लिया।
दूसरे व्यक्ति की करनी का फल पुलिस की वजह से मुझे भुगतनी पड़ रहा है। चौधरी इकराम का कहना है कि पुलिस की गलती के कारण वह डिप्रेशन में पहुंच गया है। समाज में उसकी इज्जत को धब्बा लगा है।