भिलाई [न्यूज़ टी 20] सोशल मीडिया पर रेगुलेशन को लेकर दुनियाभर में तमाम चर्चा होती रहती है। एक तबका कहता है कि इस पर कुछ लगाम लगनी चाहिए तो वहीं एक तबका कहता है सोशल मीडिया को स्वतंत्र रहना चाहिए क्योंकि कई देशों में इसने लोगों को आवाज उठाई है। एक ऐसा चौंकाने वाला मामला सामने आया है जब सऊदी अरब की एक महिला को एक ट्वीट के लिए 34 साल की कैद सूना दी गई है।

महिला पर लगाए गए यह आरोप

दरअसल, यह घटना सऊदी अरब की है। द गार्जियन की एक रिपोर्ट के मुताबिक 34 साल की सलमा अल-शेहाब को यह सजा मिली है। यह महिला लीड्स यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर हैं और उनपर आरोप है कि उसने ट्टिटर पर कुछ एक्टिविस्ट को फॉलो किया और उनके ट्वीट को रिट्वीट किया। यह महिला छुट्टी पर घर आई थीं, तभी उसे 34 साल की सजा सुना दी गई।

अरब की स्पेशल टेररिस्ट कोर्ट ने सुनाई

रिपोर्ट के मुताबिक महिला को यह सजा सऊदी अरब की एक स्पेशल टेररिस्ट कोर्ट ने सुनाई। हैरानी की बात यह है कि महिला को उनके ट्वीट को लेकर सजा तब सुनाई गई है जब सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान अमेरिकी सोशल मीडिया कंपनी में सऊदी के सॉवरेन वेल्थ फंड के जरिए एक प्रमुख अप्रत्यक्ष हिस्सेदारी को नियंत्रित करते हैं, जो कि पब्लिक इन्वेस्टमेंट फंड है।

लोगों के बीच अशांति पैदा करने का आरोप

हालांकि रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि महिला अब भी इस मामले में नई अपील कर सकती हैं। वहीं एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक सऊदी सरकार ने उन पर यह भी आरोप लगाया कि ट्विटर के माध्‍यम से सलमा लोगों के बीच अशांति पैदा करना चाहती थी, उनके ट्वीट से राष्‍ट्रीय सुरक्षा को खतरा पैदा हुआ था।

इस महिला के दो बच्‍चे हैं। इनमें एक की उम्र 4 साल और दूसरे की 6 साल है। पहले उनको 6 साल की सजा सुनाई गई थी। लेकिन सोमवार को उनकी सजा सऊदी टेरर‍िज्‍म कोर्ट ने बढ़ाकर 34 साल कर दी। एक बार सलमा की यह सजा पूरी हो जाएगी, इसके बाद 34 साल का ट्रैवल-बैन भी लागू किया जाएगा।

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