भिलाई [न्यूज़ टी 20] दुर्ग / दाऊ वासुदेव चंद्राकर कामधेनु विश्वविद्यालय द्वारा आदिवासी उपयोजना अंतर्गत ग्राम सोनवाही, जिला सूरजपुर के 20 आदिवासी हितग्राहियों को चूजा, दाना, औषधी एवं उपकरण वितरण किया गया।

यह आदिवासी उपयोजना भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली द्वारा वित्त पोषित है। टीएसपी की इस योजना अंतर्गत प्रत्येक हितग्राहियों को 250 किग्रा, चिक मैस, 200 चूजों, 05 ड्रिंकर, 04 फीडर, 01 चिकगार्ड, 01 ग्रीन मेट कुक्कुट औषधि, सप्लीमेंट प्रदाय किया गया।

ग्राम सोनवाही की हितग्राही श्रीमति कंचन सिंह पति रामकुंमार सिंह को एक अंडा सेने की मशीन इनक्यूबेटर की प्रदाय किया गया जिसका उपयोग ग्राम के सभी हितग्राहियों के मुर्गियों के अंडे को सेने हेतु भी किया जाएगा।

कामधेनु विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एन. पी. दक्षिणकर ने अपने उद्बोधन में सरगुजा क्षेत्र को पोल्ट्री हब के रूप में विकसित करने एवं आदिवासी समूह के आजीविका सुधार मुर्गीपालन द्वारा करने हेतु इस आदिवासी उपयोजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है।

इस समारोह के दाऊ वासुदेव चंद्राकर कामधेनु विश्वविद्यालय, दुर्ग के कुलपति डा. एन. पी. दक्षिणकर, अध्यक्ष डॉ. आर. पी. तिवारी, निदेशक विस्तार शिक्षा, समन्वयक, वेटनरी पॉलीटेक्नीक डा. एस. डी. हिरपुरकर, रामचंद्र यादव, विश्वविद्यालय कार्य परिषद्, सदस्य,

सरपंच ग्राम पंचायत- सोनवाही श्रीमती श्यामा देवी, डा. नृपेंन्द्र सिंह, वरिष्ठ पशुचिकित्सा अधिकारी, सूरजपुर, डा. ओ.पी. दिनानी, मुख्य अन्वेषक, टीएसपी प्रोजेक्ट, डा. ओम प्रकाश पैकरा प्राचार्य वेटनरी पॉलीटेक्नीक, डॉ अमित गुप्ता, डा अंकित कश्यप एवं डा. देवेन्द्र यादव एवं अन्य उपस्थित रहें।

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