रायगढ़। रायगढ़ आरपीएफ द्वारा अवैध रूप से रेल ई-टिकट बनाने वालों की पतासाजी जोरशोर की जा रही है, इस दौरान डभरा रोड किनारे ग्रामीण सुविधा केंद्र के संचालक द्वारा निजी आईडी से टिकट बना रहा था, जिस पर कार्रवाई करते हुए उसके कब्जे से १० ई-टिकट व कंप्यूटर सेट को जब्त किया गया।

ज्ञात हो कि कोरोना संक्रमण का खतरा खत्म होने के बाद अब रेल विभाग द्वारा सभी ट्रेनों का परिचालन शुरू कर दिया है। जिससे अब लोगों का आना-जाना भी पूरी तरह से शुरू हो चुका है, ऐसे में लोग भीड़ से बचने काउंटर से कम दुकानों से ज्यादा टिकट बनवा रहे हैं। जिससे दुकान संचालक अलग-अलग निजी आईडी से टिकट जारी कर रहे हैं। जिससे रेलवे को नुकसान हो रहा है। ऐसे में उच्चाधिकारियों से मिले निर्देश के बाद रायगढ़ आरपीएफ द्वारा जांच तेज कर दी है। इस दौरान रायगढ़ पोस्ट प्रभारी राजेश वर्मा को मुखबीर से सूचना मिली कि ग्राम सपोस-डभरा रोड पर स्थित रेल ई-टिकट बनाने की दुकान ग्रामीण सुविधा केंद्र के नाम से संचालित है, जहां दुकानदार द्वारा निजी आईडी से लोगों को टिकट बनाकर अधिक राशि वसूल रहा है। ऐसे में शनिवार को आरपीएफ टीआई राजेश वर्मा ने एक टीम बनाकर दुकान की जांच के लिए भेजा, जांच किया गया तो पता चला कि जांजगीर जिला सपोस निवासी बसंत कुमार पटेल पिता आनंद राम पटेल तीन अलग-अलग पर्सनल यूजर आईडी से टिकट बनाता है, इस दौरान बसंत पटेल ने अलग-अलग दिशाओं की 10 रेल टिकट बनाकर यात्रियों को बेचते पकड़ा । उसके कब्जे से 10 टिकट जिसकी कीमत 9787 रुपए बताई जा रही है, साथ ही टिकट बनाने में उपयोग होने वाले कंप्यूटर सेट के साथ आरोपी को गिरफ्तार कर रायगढ़ लाया गया। जिस पर आरपीएफ रायगढ़ ने धारा १४३ रेल अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है।

आरपीएफ अधिकारियों ने बताया कि अवैध तरीके से टिकट बनाने वालों की अब खैर नहीं है, इसके लिए टीम गठित की गई है जो लगातार इन पर नजर बनाए हुए हैं। गर्मी छुट्टी लगने के कारण ट्रेनों में भीड़ बढ़ गई है, जिससे यात्रियों को टिकट नहीं मिल पा रहा है, ऐसे में दुकान संचालक यात्रियों से अधिक रुपए लेकर उनको पर्सनल आइडी से टिकट बना कर दे रहे हैं, जिससे रेलवे को नुकसान हो रहा है।

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