भिलाई [न्यूज़ टी 20] जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में ऐसे आर्मर पियर्सिंग बुलेट सेना को हाथ लगे हैं जिससे जवानों के बुलेट प्रूफ जैकेट को भेदा जा सकता है. हाल के मुठभेड़ में सेना के जवानों पर इस तरह के बुलेट चलाए गए हैं. कुछ घटनाओं में ये बुलेट बुलेटप्रूफ जैकेट को भेदने की क्षमता रखती है.

अब इन बुलेट से बचने के लिए सेना के जवानों को अति आधुनिक बुलेटप्रूफ जैकेट के ऑर्डर दिए गए हैं. श्रीनगर में चिनार कॉर्प्स के टॉप अधिकारी ने एएनआई को बताया कि मुठभेड़ के दौरान आतंकी इस तरह के बुलेट का इस्तेमाल करते हैं. कुछ मामलों में ये बुलेट प्रूफ जैकेट को भेद देते हैं.

अब तक हमलोग लेवल 3 के जैकेट का इस्तेमाल करते हैं. लेकिन इस घटना के बाद अब हम बहुत जल्दी लेवल 4 के जैकेट अपने जवानों को देंगे. यह जैकेट आर्मर पियर्सिंग बुलेट के प्रहार को भी आसानी से झेल लेंगे.

आर्मर-पियर्सिंग बुलेट का इस्तेमाल करने लगे हैं आतंकी

एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक सरकारी सूत्रों ने बताया कि सुरक्षा बलों के खिलाफ पिछले कुछ दिनों में आतंकवादियों ने आर्मर पियर्सिंग बुलेट का इस्तेमाल किया है.

इससे कुछ जवानों के जैकेट को नुकसान पहुंचा है. इसके साथ ही आतंकियों के पास से कनाडा निर्मित एडवांस नाइट साइट भी मिले हैं जो अफगानिस्तान में नाटो सैनिकों द्वारा आनन फानन में छोड़ दिए गए हैं.

आतंकियों द्वारा इस तरह के घातक बुलेट और हथियारों के इस्तेमाल पर सेना कमांडर कांफ्रेंस की बैठक में चर्चा भी की गई है.

आर्मर-पियर्सिंग बुलेट जिसे स्टील कोर बुलेट भी कहते हैं, से बुलेट प्रूफ जैकेट से मिलने वाली सुरक्षा को खत्म हो सकती है. इससे ऑपरेशन में शामिल सुरक्षा बलों को खतरा पैदा हो सकता है.

अफगानिस्तान में नाटो सैनिकों के छोड़े हथियारों से हमला

एक अनुमान के मुताबिक अमेरिकी सेना ने अफगानिस्तान में करीब 7 से 8 अरब डॉलर के गोला बारूद छोड़कर गए हैं जिनमें हेलीकॉप्टर, बख्तरबंद गाड़ियां और कम्युनिकेशन उपकरण भी शामिल हैं.

इन खतरनाक हथियारों में से अधिकांश को आतंकियों ने अपने कब्जे में ले लिया है. इनमें से ज्यादातर तालिबान के हाथ लगे हैं और कुछ अन्य इस्लामिक आतंकियों के कब्जे में आए हैं. ये हथियार पाकिस्तानी आतंकी अब कश्मीर में भेजने लगे हैं.

इन हथियारों में अमेरिकन एम 16 असॉल्ट राइफल, एम 4 ए कार्बाइन कश्मीर में आतंकियों से बरामद किए गए हैं. जल्दीबाजी में अफगानिस्तान को खाली करने के चक्कर में अमेरिकन फौजें कई घातक हथियारों को छोड़कर चले गए.

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