भिलाई [न्यूज़ टी 20] कीव. रूस बीते 33 दिनों से यूक्रेन पर हमले कर रहा है. हमले के बाद यूरोप में शरणार्थियों की बाढ़ आ गई है. इसका असर यूक्रेनी बच्चों (Ukraine Refugee) पर भी पड़ा है.
संयुक्त राष्ट्र संघ की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, जंग की शुरुआत से अब तक कम से कम 3.8 मिलियन से ज्यादा लोग यूक्रेन छोड़ चुके हैं. इनमें 90 फीसदी बच्चे और महिलाएं शामिल हैं.
संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी (यूएनएचसीआर) रविवार को बताया जंग शुरू होने के बाद से 3 करोड़ 8 लाख 21 हजार 49 यूक्रेनियन देश छोड़कर भाग गए. शनिवार तक 48,450 लोगों ने देश छोड़ा है. इनमें लगभग 90 प्रतिशत महिलाएं और बच्चे हैं.
यूक्रेन (Ukraine) पर रूसी (Russia) आक्रमण के बाद शरणार्थियों को शरण देने के मामले में पोलैंड (Poland) विश्व का दूसरा सबसे बड़ा देश बन गया है. शरणार्थियों को शरण देने के मामले में विश्व में तुर्की पहले नंबर पर है.
यूक्रेन से लोगों के भागने की घटनाओं पर मिली खबरों और संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की ओर से जारी किए गए आंकड़ों से यह जानकारी सामने आई है. सामने आ रही रिपोर्ट्स की मानें तो 30 लाख से अधिक यूक्रेनी नागरिक सुरक्षित आश्रय की तलाश में देश छोड़कर यूरोप और दुनिया भर के अन्य देशों में चले गए हैं.
यूक्रेन से अपनी जान बचाने के लिए भाग रहे शरणार्थियों के लिए पोलिश राजधानी वारसॉ शहर एक प्रमुख गंतव्य बन गया है. वारसॉ में ट्रांजिट हब पिछले कुछ हफ्तों से लगातार लाखों लोगों के आने जाने का काम देख रहा है.
यूक्रेन के नागरिक अन्य यूरोपीय देशों में शरण मांगने जाने के लिए बस और ट्रेन की सुविधा वारसॉ से ले रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र की ओर से दिए गए ताजा आंकड़ों के अनुसार, रूसी आक्रमण के बाद यूक्रेन के 30 लाख से अधिक नागरिक देश छोड़कर चले गए हैं.
इनमें से 20 लाख लोग पहले पोलैंड पहुंचे और फिर आगे का मार्ग अपनाने का विकल्प चुना. पोलैंड और यूक्रेन आपस में 300 मील से अधिक की सीमा साझा करते हैं. ऐसे में यूक्रेन के रिफ्यूजियों के लिए पोलैंड पहला ठिकाना बना हुआ है.
हालांकि, पोलैंड ने सीरिया और लीबिया के शरणार्थियों के लिए अपने दरवाजे नहीं खोले थे लेकिन ताजा मामले में इस देश ने बाहें फैलाकर अपने पड़ोसी देश के नागरिकों का स्वागत किया है.
वारसॉ शहर में एक लाख से अधिक शरणार्थी
1.8 मिलियन की आबादी वाले वारसॉ शहर में फिलहाल लाख से अधिक शरणार्थियों ने शरण ली है. इस तरह शहर की आबादी लगभग 16 प्रतिशत तक बढ़ गई है. इतनी बड़ी संख्या में रिफ्यूजियों को रोकने के बाद पोलैंड शरणार्थियों को शरण देने वाला विश्व का दूसरा बड़ा देश बन गया है.
शरणार्थियों के मामले में विश्व में तुर्की पहले नंबर पर
संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के अनुसार, शरणार्थियों के मामले में विश्व में तुर्की पहले नंबर पर है. 2021 के मध्य तक 3.7 मिलियन से अधिक शरणार्थी तुर्की पहुंच चुके हैं. इसके बाद कोलंबिया का स्थान आता है जिसने खासतौर पर वेनेजुएला संकट के बाद 1.7 मिलियन से अधिक शरणार्थियों को अपनी सीमा में प्रवेश की अनुमति दी.
इसके बाद युगांडा (1.5 मिलियन), पाकिस्तान (1.4 मिलियन), और जर्मनी (1.2 मिलियन) का नंबर आता है जो कई लाख लोगों को अपनी जमीन पर शरण दे चुके हैं.
लाखों बच्चों का भविष्य खतरे में
संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के मुताबिक, दुनिया भर के शरणार्थियों में आधे से ज्यादा बच्चे हैं जिनकी उम्र 18 साल से भी कम है. 2021 में लगभग 16 मिलियन शरणार्थियों की संख्या में से तकरीबन आधे (लगभग 8 मिलियन) बच्चे थे. इन बच्चों के भविष्य को देखते हुए यह चिंता की एक बड़ी वजह है.