भिलाई [न्यूज़ टी 20] Weird Traditions Around The World: दुनिया में ऐसी कई जगहें हैं, जहां की परंपराएं हमारे देश से काफी अलग है. कई रीति-रिवाज ऐसे हैं जो किसी को मालूम भी नहीं है. कुछ तो मान्याएं ऐसी है कि जिसके बारे में सुनकर हैरान रह जाते हैं.
भारत के बाहर कुछ ऐसी जनजाति हैं जो आज पर वर्षों पुराने रीति-रिवाजों को मानते आए हैं. आम जिंदगी जीने वाले लोगों के लिए भले ये मान्यताएं, रीति-रिवाज अजीबोगरीब लगे, लेकिन इन आदिवासियों के लिए ये मान्यताएं बेहद खास हैं. चलिए जानते हैं इंडोनेशिया की इस जनजाति के बारे में.
महिलाएं काट लेती हैं अपनी अंगुलियां
1/5
ऐसी ही एक मान्यता इंडोनेशिया की एक जनजाति के बीच प्रचलित है जिसे जानकर शायद आपके थोड़ा अटपटा लगे. इंडोनेशिया में एक जनजाति की महिलाएं अपने प्रियजनों की मौत के बाद अपनी उंगलियां (Indonesian tribal) काट लेती हैं.
डानी जनजाति की अजीबोगरीब परंपराए
2/5
हालांकि, दुनियाभर में ऐसी कई परंपराएं हैं जो महिलाओं को कई अजीबोगरीब काम करने पर मजबूर कर देती हैं और ऐसा सिर्फ महिलाओं के मामले में ही नहीं बल्कि पुरुष भी ऐसी कई समस्याओं का सामना करते हैं. इंडोनेशिया की डानी जनजाति में अपने किसी चाहने वाले की मौत के बाद महिलाओं की उंगलियां काटने का प्रचलन है. इस मान्यता को इकिपालिन (Ikipalin) कहते हैं.
इंडोनेशिया के जयाविजया प्रांत में रहती है ये जनजाति
3/5
द मिरर की एक रिपोर्ट के अनुसार इंडोनेशिया के जयाविजया प्रांत (Jayawijaya) के वामिन शहर में डानी जनजाति के लोग काफी ज्यादा रहते हैं. गौरतलब है कि इस आदिवासी जनजाति में इकिपालिन की प्रथा को इंडोनेशिया की सरकार ने काफी सालों पहले बैन कर दिया था. लेकिन बुजुर्ग महिलाओं की उंगलियों को देखकर बताया जा सकता है कि वो इसका पालन करती हैं और आज भी माना जाता है कि इलाके में ये मान्यता जारी है.
आत्मा को शांति देने के लिए ऐसा करता है परिवार
4/5
आपको बता दें कि 2 उंगलियां या तो पत्थर के ब्लेड से, या फिर रस्सी बांधकर काटी जाती है. जनजाति के लोगों का मानना है कि जब कोई मर जाता है तो उसकी आत्मा को शांति देने के लिए परिवार की औरत अपनी उंगलियां काट लेती है. इसके साथ ही उंगली काटना ये भी दर्शाता है कि मरने वाले के जाने का दर्द उंगली के दर्द के आगे कुछ नहीं है और वो जिंदगी भर उनके साथ ही रहेगा.
कुछ इस तरह से काटते हैं अपनी अंगुलियां
5/5
उंगली का उपरी हिस्सा काटने के लिए पत्थर से बने ब्लेड का आमतौर पर इस्तेमाल किया जाता है. कुछ मामलों में तो बिना ब्लेड के ही उंगली काट दी जाती है. लोग उंगली को चबाते हैं और फिर बीच से रस्सी के जरिए जोर से बांध देते हैं जिससे खून का संचार रुक जाता है. रस्सी के बांधने के बाद जब खून और ऑक्सीजन की कमी होती है तो उंगली अपने आप कटकर गिर जाती है. कटी उंगली को या तो गाड़ देते हैं या फिर जला दिया जाता है.